कोटा। हाड़ौती टूरिज्म डवलपमेंट सोसायटी, केडीए एवं अन्य संस्थाओं की ओर से कोटा शहर के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण टूरिस्ट एजेंट्स को कराया गया। ताकि कोटा के पर्यटन स्थलों एवं अन्य दर्शनीय स्थलों को विश्व स्तरीय पहचान मिल सके।
संस्था के सचिव अलौकिक जैन ने बताया कि संस्था ने सभी टूर ऑपरेटर्स और ट्रेवल्स एजेंसीज को दो दिन सभी पर्यटन स्थल का भ्रमण करवाया गया। उसके बाद टूरिस्ट एजेंट्स का कहना था कि ऐसे दृश्य इससे पहले कभी नहीं देखे। सिटी पार्क की सुंदरता और यहां की हरियाली के साथ जिस तरह से इसे बनाया गया है, वास्तव में कभी नहीं भूलने वाले दृश्य हैं।
चम्बल रिवर फ्रंट में समापन समारोह में मुख्य अतिथि डीसीएफ अभिमन्यु सुराणा ने कहा कि यहां जितने अच्छे स्थल हैं उतना ही सुंदर वाइल्ड लाइफ का दृश्य है। यहां टाइगर के साथ ही चम्बल के जीव जंतु की अठखेलियां आपको रोमांचित कर देगी। दो टाइगर रिजर्व, जंगल व चम्बल सफरी का आनंद है।
उन्होंने कहा कि यदि थोडा ध्यान दिया गया तो हम रणथंभोर से पीछे नहीं रहेंगे। वहां भी पहले वहां के निवासी जंगल पर निर्भर थे, लेकिन जैसे ही टाइगर रिजर्व बना तो सभी की आय बढ़ गई। कुछ होटल में तो कुछ अन्य काम में व्यस्त हो गए। अनुराग भटनागर वन्यजीव डीएफओ ने कहा कि यहां दुनियाभर से पक्षी आते हैं। यहां अलनिया, भैसरोडगढ सहित कई ऐसी जगह हैं, जहां दुनियाभर के पक्षी दिखाई देते हैं। पर्यटकों को यहां के दृश्य बेहद पसंद आएंगे।
सोसायटी के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि ट्रेवल एजेंट्स को दो दिन में स्थानीय पर्यटक स्थलों में गढ़ पैलेस कोटा, पुराने शहर के हैरिटेज, जगमंदिर, सेवन-वंडर्स ऑक्सीजोन पार्क, चंबल रिवर फ्रंट, मुकुंदरा नेशनल टाइगर रिजर्व, गरड़िया महोदव एवं अन्य स्थल घुमाए गए हैं। उनसे पर्यटन विकास से जुड़े पहलुओं पर सुझाव भी लिए गए और यहां पर्यटक की संख्या बढे इस पर भी विचार विमर्श किया गया है।
कोटा की प्रकृति और यहां की दृश्य देखने के बाद टूरिस्ट अभिभूत होकर बोले कि ऐसा प्रकृति का खजाना यहां है और किसी को पता ही नहीं है। ये ही नहीं उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोटा विश्व मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाएगा और इसके लिए हम सभी पुरजोर तरह से प्रयास करेंगे। चम्बल रिवर फ्रंट के समापन समारोह के दौरान राजस्थानी गीतों की सुर लहरियों पर जमकर नृत्य किया गया।
देशभर से आए 60 से अधिक टूरिस्ट एजेंट्स
प्रोग्राम संयोजक गीतेश कंजोलिया ने कहा कि कार्यक्रम को भव्य रूप देने के साथ ही हाडौती संभाग की इस विरासत को दुनिया को बताना चाहते हैं। ताकि लोग यहां आएं और आनंद ले सकें। उन्होंने कहा कि करीब 60 से अधिक टूरिस्ट एजेंट्स ने कोटा के कई स्थलों का दौरा किया और इस टूर को सबसे बेहतरीन बताया।
टूरिज्म बढेगा तो यहां फिल्मों की शूटिंग भी होगी: सोरल
लाइन प्रोड्यूसर सुभाष सोरल ने बताया कि टूरिज्म बढेगा तो यहां फिल्मों की शूटिंग भी होगी। यहां कई प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं। शीघ्र ही यहां बडे कलाकार देखने को मिलेंगे। इस कार्यक्रम में संस्था सदस्यों के साथ ही हरियाली रिजॉर्ट, होटल कंट्रीइन, होटल उम्मेद भवन पैलेस, होटल सूर्या ग्रुप, एआरएन ग्रुप ऑफ़ होटल्स, एलबीएस होटल मैनेजमेंट इंस्टीटूयूट एवं कृष्णा टूर एंड ट्रेवल्स के साथ अन्य संस्थाओं का भी भरपूर सहयोग रहा है। कोटा कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी एवं वन विभाग द्वारा महत्वपूर्ण योगदान इस सफल आयोजन में रहा है। इस अवसर पर नीरज त्रिवेदी, निखिलेश सेठी, सूर्या राजावत सहित कई लोग उपस्थित रहे।
सिटी पार्क और चम्बल रिवर फ्रंट जैसा दुनिया में कहीं नहीं
जयपुर से आए मनोज सोगानी, टाई राजस्थान ने कहा कि देश और विदेश के कई रिवर फ्रंट और पार्क देखें हैं, लेकिन कोटा का चम्बल रिवर फ्रंट और सिटी पार्क जैसा कहीं नहीं देखा, इसके साथ ही कोटा का गराडिया महादेव का जो दृश्य हैं, यह तो दुनिया में कहीं नहीं हैं। यहां के झरने, जंगल, चम्बल से प्रकृति का जो खजाना है यह शब्दों में बया नहीं किया जा सकता।